भविष्य बद्री
भविष्य के बद्रीनाथ भविष्य बद्री का मंदिर उपन में है, जो जोशीमठ से लगभग 17 किलोमीटर दूर पूर्व में लता की ओर है। यह तपोवन से दूसरी तरफ है तथा धौलीगंगा नदी के ऊपर और लगभग 3 किलोमीटर का ट्रैक द्वारा यहाँ पहुंचा जा सकता है मोटर सड़क से इसकी ऊंचाई 2744 मीटर है यह घने जंगलो के बीच स्तिथ है यहाँ पहुचने के लिए धौली नदी के किनारे का रास्ता काफी कठिन है धौलीगंगा का अर्थ होता है (सफेद पानी) और वास्तव में यह लगभग हर जगह तेज धारा के साथ तपोवन से ऊपर की तरफ से दोनों ओर लगभग सीधा चट्टानों के मध्य से तेजी से गुजरती है
ऐसा माना जाता है कि कलयुग की शुरुआत में जोशीमठ नरसिंह की मूर्ति का कभी न नष्ट होने वाला हाथ अंततः गिर जाएगा तथा विष्णुप्रयाग के पास पतमिला में जय और विजय के पहाड़ गिर जाएंगे जिस कारण बद्रीनाथ धाम में जाने का मार्ग बहुत ही दुर्गम हो जायेगा जिसके परिणामस्वरूप बद्रीनाथ का फिर से प्रत्यावर्तन होगा और भविष्य बद्री में बद्रीनाथ की पूजा की जाएगी विष्णु के अवतार कल्की कलयुग को समाप्त करेंगे तथा पुनः सतयुग की शुरुआत होगी इस समय बद्रिनत धाम को भविष्य बद्री में पुनार्स्तापित किया जायेगा
कैसे पहुंचें:
बाय एयर
जौली ग्रांट हवाई अड्डा देहरादून जोशीमठ से ऋषिकेश के माध्यम से 268 किमी की निकटतम हवाई अड्डा है। देहरादून हवाई अड्डे से जोशीमठ तक टैक्सी तथा बस सेवाएँ उपलब्ध हैं।
ट्रेन द्वारा
ऋषिकेश रेलवे स्टेशन जोशीमठ से 251 किमी की निकटतम रेलवे स्टेशन है। ऋषिकेश रेलवे स्टेशन से जोशीमठ के लिए टैक्सी या जीप उपलब्ध रहती है।
सड़क के द्वारा
सल्धार मोटर रोड द्वारा 19 किमी दूरी में जोशीमठ से जुड़ा हुआ है। भविष्य बद्री से सल्धार 6 कि०मी० का पैदल मार्ग है। जोशीमठ उत्तराखंड राज्य के अधिकांश हिस्सों से मोटर सड़कों के माध्यम से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।